Saturday, February 29, 2020

लक्जमबर्ग में सार्वजनिक परिवहन मुफ्त, दुनिया का पहला देश बना, 20 लाख लोगों को को फायदा होगा February 29, 2020 at 04:34PM

लक्जमबर्ग. यूरोप का सातवां सबसे छोटा देश लक्जमबर्ग शनिवार से सार्वजनिक परिवहन मुफ्त कर दिया गया है। ऐसा करने वाला यह दुनिया का पहला देश बन गया। सड़क पर ट्रैफिक का दबाव कम करने और गरीब श्रमिकों की मदद के लिए यह प्रयोग किया गया है। इसके तहत ट्राम, ट्रेन और बस का इस्तेमाल बढ़ाया जाएगा। यहां हर शनिवार को बस, ट्रेन और ट्राम में पहले से मुफ्त यात्रा का नियम था, लेकिन अब यह सप्ताह के सातों दिन मुफ्त रहेगा। इस कदम से जर्मनी, बेल्जियम और फ्रांस से आने वाले सैलानियों को भी फायदा मिलेगा। पहले 2 घंटे से ज्यादा की यात्रा के लिए लोगों को महज 160 रु. किराया देना पड़ता था।

दरअसल, साल 2018 के आखिर में जेवियर बेटल ने लक्जमबर्ग के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ लेने के बाद इसका ऐलाना किया था। यह उनका चुनावी वादा था कि वो पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मुफ्त करेंगे। इस फैसले से देश के करीब छह लाख नागरिकों, 1,75,000 सीमा-पार के मजदूरों और यहां आने वाले 12 लाख सैलानियों को फायदा होगा।

पर्यावरण और सामाजिक स्तर सुधारना मुख्य मकसद
सार्वजनिक परिवहन को मुफ्त करने के पीछे सड़कों पर भीड़भाड़ और वाहनों की संख्या कम करना है। इससे पर्यावरण की दशा भी सुधारेगी। इसके अलावा इसका मकसद अमीरों और गरीबों के बीच बढ़ती खाई को भी पाटना भी है। दरअसल, यूरोपीय संघ के सभी देशों के मुकाबले यहां प्रति व्यक्ति कारों की संख्या सबसे ज्यादा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, लक्जमबर्ग में 60 फीसदी से अधिक लोग दफ्तर जाने के लिए अपनी कार का उपयोग करते हैं। सिर्फ 19 फीसदी लोग ही सार्वजनिक परिवहन के साधनों का इस्तेमाल करते हैं।



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लक्जमबर्ग में 60 फीसदी से अधिक लोग दफ्तर जाने के लिए अपनी कार का उपयोग करते हैं।

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