Friday, January 17, 2020

रूस बोला- कश्मीर भारत-पाकिस्तान का द्विपक्षीय मुद्दा, हम कभी इसे संयुक्त राष्ट्र में उठाने के पक्ष में नहीं रहे January 16, 2020 at 10:27PM

नई दिल्ली. रूस ने एक बार फिर कश्मीर मुद्दे पर भारत का समर्थन किया है। भारत में रूस के राजदूत निकोलाय कुदाशेव ने शुक्रवार को कहा कि हम कभी कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में उठाए जाने के पक्ष में नहीं रहे, क्योंकि यह असल रूप में भारत और पाकिस्तान के बीच का मामला है। उन्हें शिमला और लाहौर समझौते के आधार पर इसका हल करना है।

चीन ने एक दिन पहले ही पाकिस्तान की तरफ से यूएन की बैठक में कश्मीर मुद्दे पर चर्चा की मांग की थी। हालांकि, ज्यादातर देशों ने इस पर असहमति जताते हुए कहा था कि यह दो देशों का द्विपक्षीय मसला है। इसलिए इस मंच पर कश्मीर की चर्चा नहीं होनी चाहिए।

कश्मीर को लेकर भारत पर पूरा भरोसा: रूसी राजदूत

कुदाशेव ने कश्मीर के हालात सुधारने के लिए भारत की तरफ से उठाए कदमों पर भी भरोसा जताया। उन्होंने कहा, “मुझे कश्मीर जाने की कोई वजह समझ नहीं आती, क्योंकि यह भारत का आंतरिक मामला है। कश्मीर मामला भारत के संवैधानिक दायरे में आता है। इसलिए मेरे वहां जा कर स्थिति देखने की कोई जरूरत नहीं।

रूसी राजदूत ने पश्चिमी देशों पर तंज कसते हुए कहा, “जो भी लोग कश्मीर की स्थिति और वहां उठाए जा रहे भारत के कदमों को लेकर आशंकित हैं, वे जब चाहें तब कश्मीर जा कर स्थिति देख सकते हैं। कश्मीर मामले में हमें भारत पर कभी शक नहीं रहा।” कुदाशेव का यह बयान अमेरिका, यूरोप और अफ्रीकी देशों के राजनयिकों के 16 सदस्यीय डेलिगेशन के कश्मीर दौरे के बाद आया है। इन सभी देशों के नेता कश्मीर के हालात जानने पहुंचे थे।

2025 तक भारत को सारे एस-400 सिस्टम डिलीवर होंगे
रूस के डिप्टी चीफ ऑफ मिशन रोमन बाबुश्किन ने कहा है कि भारत को दी जाने वाली एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। सभी सिस्टम 2025 तक अलग-अलग चरणों में भारत को सौंप दिए जाएंगे। भारत ने दिसंबर 2018 में रूस से 5 अरब डॉलर में एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने का समझौता किया था। इसमें से 80 करोड़ की पहली किश्त रूस को दी जा चुकी है।

भारत ने 5 अरब डॉलर में किया है एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम का समझौता।


Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
मोदी सरकार ने 5 अगस्त को कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया था, इसके बाद से ही रूस इसे भारत का आंतरिक मामला बताता रहा है।

No comments:

Post a Comment