Saturday, December 5, 2020

बारिश और बर्फबारी पर काबू करेगा चीन, भारत से डेढ़ गुणा ज्यादा इलाके में होगा इस प्रोग्राम का दायरा December 04, 2020 at 11:08PM

चीन अब मौसम को भी तकनीक के जरिए काबू में करने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए उसने 2025 तक के लिए एक प्रोग्राम बनाया है। उसने प्रोग्राम का दायरा 50.5 लाख वर्ग किलोमीटर तक बढ़ाने की योजना बनाई है। यह भारत के क्षेत्रफल से डेढ़ गुणा ज्यादा है। चीन के स्टेट काउंसिल ने 2025 तक ऐसा करने की बात कही है। इससे यह बर्फबारी और बारिश जैसे मौसमी बदलावों पर काबू कर सकेगा।
चीन ने इस कवायद को एक्सपेरिमेंटल वेदर मोडिफिकेशन प्रोग्राम नाम दिया है। चीन का दावा है कि इससे प्राकृतिक आपदाओं से राहत मिलेगी और कृषि उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी। ज्यादा तापमान वाले इलाके में टेम्परेचर कम करने, सूखा प्रभावित क्षेत्रों में बारिश कराने की कोशिश होगी। ज्यादा बारिश और बर्फबारी को काबू करने के लिए भी काम किया जाएगा।

बारिश पर काबू करने की कोशिश करता रहा है चीन

चीन की ओर से मौसमी बदलावों पर काबू करने की यह पहली कोशिश नहीं है। 2008 के बीजिंग ओलंपिक्स के दौरान भी उसने ऐसा किया था। बारिश रोकने और आसमान साफ रखने के लिए क्लाउड सीडिंग का सहारा लिया था। बीजिंग में होने वाली राजनीतिक बैठकों से पहले भी बारिश रोकने के लिए तकनीकों का इस्तेमाल करने की बात सामने आती रही है। चीन ने मौसम साफ रखने के लिए बीजिंग के आसपास की फैक्ट्रियां भी बंद कराईं।

वेदर मोडिफिकेशन पर चीन ने करीब 9 हजार करोड़ खर्च किए

चीन ने मौसम पर काबू पाने के अपने प्रोग्राम पर काफी इन्वेस्ट किया है। 2012 से 2017 के बीच उसने इस प्रोग्राम पर 1.34 बिलियन डॉलर (करीब 9889 करोड़ रु.) खर्च किए हैं। चीन की सरकारी मीडिया के मुताबिक, इन प्रोग्राम से चीन को जिनजियांग राज्य में ओले से होने वाले नुकसान को 70% तक कम करने में मदद मिली। यह राज्य चीन में खेती के लिहाज से अहम है। चीन और भारत के बीच लद्दाख में तनाव है। अपने वेदर मोडिफिकेशन प्रोग्राम से यह लद्दाख में ठंड कम करने की कोशिश भी कर सकता है।



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चीन के हुंगपे में मई 2011 में क्लाउड सीडिंग से बारिश करवाने के लिए रॉकेट दागते कर्मचारी। फाइल फोटो

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