Tuesday, December 22, 2020

चीन 21वीं सदी में चांद पर पहुंचने वाला पहला देश; 3 बार लैंडिंग की, मिट्टी और पत्थर भी लाया December 22, 2020 at 01:49AM

कहते हैं देर आए दुरुस्त आए। चीन ने जो कर दिखाया है उसके लिए इस जुमले को थोड़ा बदल दिया जाए तो यह ज्यादा सटीक हो जाएगा। चीन के लिए यह होना चाहिए “देर गए दुरुस्त गए।” पूरी दुनिया के कुछ ही देश ऐसे हैं जो चांद पर पहुंचने और उसकी तस्वीरें उतारने के लिए बेताब हैं।

गुरुवार को चीन ने इस कॉम्पीटिशन का पूरा सीन ही बदल दिया। चीन ने जो इतिहास रचा है उससे वह न केवल इस मुकाबले में आगे हो गया है, बल्कि एक्सपर्ट्स के मुताबिक अब चीन आने वाले वक्त में लीडर भी होगा।

चांद से मिट्टी लाने वाला चीन दुनिया का पहला देश

चांद पर पहुंचने वाले सभी देशों में चीन ने यह काम सबसे देरी से किया। पिछले सप्ताह गुरुवार को चीन का चंद्रयान चांद से न केवल सुरक्षित लौटा बल्कि वहां से मिट्टी और पत्थर भी लेकर आया।

सबसे बाद में चांद पर पहुंचने वाले चीन ने सबसे पहले यह कारनामा किया है। अब लड़ाई सिर्फ चांद पर पहुंचने और तस्वीरें उतारने तक नहीं है, बल्कि ज्यादा ज्यादा इनफॉर्मेशन जमा करने वाले संसाधनों की भी है।

चीन के E-5 चंद्रयान ने 2 किलो से ज्यादा सैंपल के साथ जमीन पर लैंड किया। चंद्रयान ने यह सैंपल चांद के जिस हिस्से से लिए थे, उसे वोल्कैनिक प्लेन कहा जाता है। चीन के वैज्ञानिकों ने यह कामयाबी हासिल करने के लिए लगातार तीन हफ्ते का स्पेस ऑपरेशन चलाया। यह दुनिया में अब तक का सबसे सफल मिशन साबित हुआ।

इससे पहले अमेरिका और सोवियत संघ (अब रूस) ने 1960 और 1970 में चांद पर पहुंचकर इतिहास रचा था। उस वक्त सैंपल के तौर पर दोनों देशों को सिर्फ तस्वीरें हासिल हो सकी थीं।

चीन की नजर अमेरिका को पीछे छोड़ने पर

चीनी अपना तकनीकी कौशल को दिखाने और सोलर सिस्टम का पता लगाने में जुटा है। यह मिशन उसी कोशिश का एक नमूना है। चीन की नजर इस वक्त अमेरिका पर है।

चीन अमेरिका की तरह एक इस फील्ड का बड़ा खिलाड़ी बनना चाहता है, ताकि वह इसके साधनों को बेहतर कर सके और ज्यादा बड़े मिशन के लिए लॉन्चिंग पैड तैयार कर सके।

चीन नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ने बताया कि उनके चंद्रयान ने चांद की मिट्टी और पत्थरों को लेकर मंगोलिया में रात करीब 2 बजे लैंड किया था। चंद्रयान में लगा कैप्सूल स्पेस क्राफ्ट को 3 हजार फीट की ऊंचाई पर छोड़कर अलग हो गया था।

इसके बाद कैप्सूल में लगा पैराशूट खुल गया और कैप्सूल की लैंडिंग स्पीड स्लो हो गई। उस वक्त चंद्रयान अटलांटिक ओशियन के ऊपर था। मंगोलिया में लैंडिंग के बाद एक घंटे के अंदर ही रिकवरी टीम वहां पहुंच गई जहां से सैंपल कलेक्ट किया गया।

अब स्पेस के लिए भी होगी सेना, नाम होगा “स्पेस फोर्स”

स्पेस से जुड़ी रिसर्च में पूरी दुनिया के कई देश शामिल हो चुके हैं। इसलिए कॉम्पीटिशन तो बढ़ा ही है साथ ही सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को भी एड्रेस किया जा रहा है। चीन-अमेरिका समेत दुनिया के कई देश अपने संसाधनों, उपकरणों और उपग्रहों की सुरक्षा को लेकर इतना गंभीर हैं कि अब स्पेस फोर्स भी बनाई जा रही है। है न कमाल की बात? आर्मी, एयरफोर्स और नेवी के साथ अब स्पेस की भी सेना होगी। एक्सपर्ट्स की मानें तो न केवल फोर्स बन रही है बल्कि आने वाले समय में स्पेस वार जैसी चीजें भी सामने आ सकती हैं।

चीन और अमेरिका स्पेस के मुद्दों को लेकर पहले से ही आमने-सामने हैं। पिछली साल अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने कहा था कि अमेरिका अपने मून मिशन को और तेजी देने वाला है और 2024 तक वह चांद पर दोबारा लैंड करेगा।

इस बीच उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि चीन अमेरिकी मिशन को रोकना चाहता है। पेंस ने यहां तक कह दिया कि अगर चीन अमेरिका के मून मिशन को रोकने का प्रयास करेगा तो हम उसे स्पेस में ही चुनौती देंगे।

पांचवीं कोशिश में चीन ने रचा यह इतिहास

शुरुआती दौर में चीन ने दो चंद्रयान भेजे थे। ये ऑर्बिटर के तौर पर भेजे गए थे। उसके बाद चीन ने 2103 में चेंज-E-3 ने के नाम से तीसरा चंद्रयान लॉन्च किया। वह चांद की सतह पर लैंड होने में कामयाब रहा।

चेंज-E-3 के कामयाब मिशन के साथ ही चीन, अमेरिका और रूस के बाद दुनिया का तीसरा ऐसा देश बन गया जो चांद पर पहुंचने में कामयाब रहा।

जनवरी 2109 में चीन ने चेंज सीरीज का चंद्रयान E-4 लॉन्च किया। यह दुनिया का पहला ऐसा चंद्रयान बना जो चांद की सतह पर काफी गहराई तक पहुंचा और लैंडिंग की। इस चंद्रयान में एक रोवर सेट किया गया था। उसका नाम यूटू-2 था। वह आज भी चांद से ऑपरेट कर रहा है।

इस बार E-5 के कामयाब मिशन के साथ ही चीन 21वीं सदी में चांद पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। उसने ऐसा 7 साल में 3 बार किया है।



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China Spacecraft; China Moon Landing 2020 News Update | China Change-5 Lunar Mission Brings Lunar Rocks To Earth

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