Monday, October 5, 2020

एक हफ्ते से जारी जंग के बीच आर्मेनिया की ओर से रिहायशी इलाकों पर रॉकेट दागे गए, अजरबैजान ने कहा- हम उनके मिलिट्री ठिकानों को निशाना बनाएंगे October 04, 2020 at 09:21PM

एक से जारी जंग के बीच आर्मेनिया ने रविवार को अजरबैजान के रिहायशी इलाकों पर रॉकेट दागे। देश के दूसरे सबसे बड़े शहर गंजा पर हुए हमले में एक नागरिक की मौत हो गई और चार लोग घायल हो गए। रॉकेट हमले पर अजरबैजान ने नाराजगी जाहिर की है। अजरबैजान के राष्ट्रपति के सलाहकार हिकमत हजियेव ने कहा- हम सीधे आर्मेनिया के मिलिट्री ठिकानों को निशाना बनाएंगे, जहां से हमारे देश के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है।

अब तक जंग अजरबैजान और नागोर्नो कारबाख के समूहों के बीच हो रही थी। हालांकि, अब यह लड़ाई अजरबैजान और आर्मेनिया की मिलिट्री के बीच शुरू हो सकती है। इस बीच, आर्मेनिया ने अजरबैजान पर रॉकेट हमला करने से इनकार किया है। आर्मेनिया ने कहा है कि अजरबैजान हमारे बारे में झूठी बातें फैला रहा है।

आर्मेनिया ने हमले से इनकार किया

नागोर्नो-कारबाख के गुटों ने कहा है कि हमने गंजा शहर में एक एयरबेस को निशाना बनाकर हमला किया था। आम लोगों को इससे नुकसान नहीं हो इसलिए बाद में हमने हमले रोक दिए। तुर्की ने अजरबैजान के रिहायशी इलाकों पर हुए हमले की निंदा की है।

इस जंग में तुर्की ने अजरबैजान का साथ देने का ऐलान किया है। आर्मेनिया और रूस के बीच मिलिट्री समझौता है। इसके बावजूद रूस ने किसी देश का पक्ष नहीं लिया है। रूस लगातार दोनों देशों के बीच शांति कायम करने की कोशिश कर रहा है।

क्या है लड़ाई का कारण?
पूर्व सोवियत संघ के इन दोनों देशों के बीच नागोर्नो-कारबाख इलाके को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। इंटरनेशनल लेवल पर यह इलाका अजरबैजान का हिस्सा माना जाता है, हालांकि आर्मेनिया भी इस पर दावा करता है। 1994 की लड़ाई के बाद से यह इलाका अजरबैजान के नियंत्रण में नहीं है।

इस इलाके में दोनों देशों के सैनिक तैनात हैं। करीब 4,400 किलोमीटर में फैला नागोर्नो-कारबाख का ज्यादातर हिस्सा पहाड़ी है। पिछले साल जुलाई में भी दोनों देशों के बीच इसको लेकर झड़प हुई थी। इसमें 16 लोगों की मौत हुई थी।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
रविवार रात हुए रॉकेट हमले के बाद टूटे घरों के मलबे के पास मौजूद अजरबैजान के कर्मचारी। हमला गंजा शहर पर किया गया था।

No comments:

Post a Comment