Sunday, September 20, 2020

दाऊद इब्राहिम समेत 21 आतंकवादियों को वीआईपी ट्रीटमेंट दे रही इमरान सरकार; इनमें से कई आतंकी भारत में वॉन्टेड September 20, 2020 at 01:58AM

आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान की दोहरी नीति फिर उजागर हुई है। उस पर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की तलवार लटकी है, लेकिन वह आतंकियों को पनाह देने से बाज नहीं आ रहा है। कुछ को तो वीआईपी ट्रीटमेंट दे रहा है। इनमें दाऊद इब्राहिम और खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स का आतंकी रंजीत सिंह नीता शामिल हैं।

सूत्रों के मुताबिक, इंटरनेशनल कम्युनिटी पाकिस्तान के पाखंड को लेकर चिंता में है, जो आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने का दिखावा कर रहा है। पाकिस्तान आतंकियों को फंड मुहैया करा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार 21 खतरनाक आतंकियों को वीआईपी सुरक्षा मुहैया करा रही है। इनमें वे आतंकी भी शामिल हैं, जिन पर पिछले महीने ही प्रतिबंध लगाए गए थे।

भारत में वॉन्टेड आतंकियों को वीआईपी ट्रीटमेंट
पाकिस्तान में वीआईपी ट्रीटमेंट पा रहे आतंकियों की एक लिस्ट न्यूज एजेंसी एएनआई के हाथ लगी है। इसमें दाऊद, बब्बर खालसा इंटरनेशनल चीफ वाधवा सिंह, इंडियन मुजाहिद्दीन चीफ रियाज भटकल, आतंकी मिर्जा शादाब बेग और अफिफ हसन सिद्दिबापा समेत कई आतंकियों के नाम हैं। इनमें से कई आतंकी भारत में वॉन्टेड हैं।

पिछले महीने पाकिस्तान ने जारी की थी लिस्ट
पिछले महीने ही इमरान सरकार ने पाकिस्तान में मौजूद 88 आतंकियों की लिस्ट जारी की थी। इनमें दाऊद का भी नाम था। यह भी बताया गया था कि दाऊद के पास 14 पासपोर्ट हैं। कराची में उसके तीन घर हैं। हालांकि, बाद में पाकिस्तान अपने दावे से पलट गया था।

दाऊद 1993 के मुंबई बम धमाकों का मास्टरमाइंड है। इन धमाकों में 257 लोगों की मौत हुई थी और 1400 से ज्यादा जख्मी हुए थे। इन हमलों के बाद दाऊद पाकिस्तान भाग गया था। पाक ने वहां उसकी मौजूदगी के बारे में खुलकर कभी नहीं कबूला।

पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में
पाकिस्तान के सामने दिक्कत यह है कि आतंकियों से निपटने के मामले में अपने खराब रिकॉर्ड के कारण वह 2018 से एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में है। एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में होना यानी दुनियाभर से आर्थिक मदद मिलने में परेशानी। पाकिस्तान को उम्मीद है कि आतंकियों के नाम बताकर अगर वह उनके खिलाफ कदम उठाता है तो वह ग्रे लिस्ट से बाहर आ सकता है। टास्क फोर्स ने पाकिस्तान को 27 पॉइंट का डिमांड लेटर दिया था। अगर पाकिस्तान ने टास्क फोर्स की शर्तें नहीं मानीं, तो वह ब्लैक लिस्टेड हो सकता है।

अक्टूबर में मीटिंग
एफएटीएफ की मीटिंग अक्टूबर में है। यह टास्क फोर्स दुनियाभर में मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग नेटवर्क पर नजर रखती है। दुनियाभर के देश इस टास्क फोर्स की सिफारिश को मानते हैं।

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दाऊद 1993 में मुंबई में हुए बम धमाकों का मास्टरमाइंड है। इन हमलों के बाद वह पाकिस्तान भाग गया था। (फाइल फोटो)

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