Tuesday, September 8, 2020

सत्तारूढ़ पार्टी के प्रेमालाल जयशेखरा ने 2015 में विपक्षी पार्टी के नेता को गोली मारी थी, कोर्ट के आदेश के बाद जेल से संसद पहुंचकर शपथ ली September 08, 2020 at 04:29AM

श्रीलंका में मर्डर के मामले में मौत की सजा पाने वाला नेता ने मंगलवार को सांसद के तौर पर शपथ ली। 45 साल के प्रेमालाल जयशेखरा श्रीलंका की सत्तारूढ़ श्री लंका पोडुजन पार्टी (एसएलपीपी) के नेता है। उन्हें 2015 में एक चुनावी रैली के दौरान विरोधी पार्टी के एक्टिविस्ट की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

हत्या के मामले में इसी साल जुलाई में जयशेखरा को मौत की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, कोर्ट का यह फैसला उनके उम्मीदवार के तौर पर पर्चा दाखिल करने के बाद आया, जिससे उन्हें चुनाव लड़ने की इजाजत दे दी गई। जयशेखरा ने जेल में रहते हुए ही चुनाव लड़ा और जीत गए।

श्रीलंका की एक कोर्ट ने सोमवार को आदेश दिया कि जयशेखरा को सांसद के तौर पर अपने अधिकारों के इस्तेमाल की इजाजत दी जाए।

कड़ी सुरक्षा में संसद लाया गया

जयशेखरा को जेल प्रशासन ने 20 अगस्त से शुरू हुए संसद सत्र में शामिल होने की इजाजत नहीं दी थी। इसके बाद उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर कर इजाजत मांगी थी। कोर्ट ने सोमवार को इस पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि जयशेखरा को सांसद के तौर पर अपने अधिकारों का इस्तेमाल करने दिया जाए। इसी आदेश के मुताबिक, कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें मंगलवार को संसद लाया गया। शपथ के बाद उन्हें दोबारा जेल छोड़ दिया गया।

विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने जयशेखरा का विरोध किया

संसद में सांसद के तौर पर शपथ लेने पहुंचे जयशेखरा का विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने विरोध किया। इनमें से ज्यादातर काले रंग का स्कार्फ बांध कर संसद पहुंचे। जैसे ही जयशेखरा की शपथ शुरू हुई विपक्षी सांसद ने शोर मचाने लगे। कई सांसद वॉकआउट भी कर गए।

जयशेखरा को शपथ दिलाने के विरोध में ज्यादातर विपक्षी सांसद काला स्कार्फ बांधकर संसद पहुंचे।

जयशेखरा मौत की सजा के बावजूद बनने वाले पहले शख्स

जयशेखरा 2001 से ही सांसद हैं। वे श्रीलंका में मौत की सजा पाने के बावजूद सांसद बनने वाले पहले शख्स हैं। हालांकि, देश में इससे पहले शिवानेसतुरै चंद्रकांतन को भी जेल से कड़ी सुरक्षा के बीच संसद लाकर शपथ दिलाई गई थी। चंद्रकांतन पहली बार सांसद बने हैं और उनके खिलाफ भी हत्या का मामला चल रहा है। श्रीलंका में दोषियों को मौत की सजा देने का प्रावधान है, लेकिन 1976 के बाद से अब तक किसी को यह सजा नहीं दी गई है।



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श्रीलंका की सत्तारूढ़ श्री लंका पोडुजन पार्टी (एसएलपीपी) के नेता प्रेमालाल जयशेखरा ने मंगलवार को सांसद के तौर पर शपथ ली।

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