नेल्सन और विन्नी मंडेला की छोटीबेटी जिंडजी मंडेला का सोमवार सुबह निधन हो गया। वे 59 साल की थीं। उन्होंने जोहान्नसबर्ग के एक अस्पताल में अंतिम सांसे ली। फिलहाल वह डेनमार्क में दक्षिण अफ्रीका की राजदूत थीं। दक्षिण अफ्रीका के डिपार्टमेंट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशन्स ने उनकी मौत की पुष्टि की है।
जिंडजी एक राजनीतिक कार्यकर्ता थीं और रंगभेद के खिलाफ आवाजबुलंद किया था। 2015 में उन्हें डेनमार्क का राजदूत नियुक्त किया गया था। उन्होंने कई कविताएं और किताब भी लिखी है।
बचपन में कई कठिनाइयां झेलनी पड़ी थी
जिंडजी को बचपन में कई कठिनाइयां झेलनी पड़ी थी। जब वह सिर्फ 18 महीने की थीं तो उनके पिता नेल्सन मंडेला को जेल भेज दिया गया था। उनकी मां को भी कई बार महीनों के लिए जेल भेज दिया जाता था। 1977 में उनकी मां को ब्रैंडफोर्ट निर्वासित कर दिया गया था। अपने मां के साथ वहइ भी ब्रैंडफोर्ट आ गईंऔर अपनी स्कूली यहीं पूरी की। आगे की पढ़ाई के लिए वहस्वाजिलैंड चली गई थीं। उन्होंने अपनी कानून की पढ़ाई यूनिवर्सिटी ऑफ केप टाउन से की थी।
जिंडजी 1985 में पिता का पत्र पढ़कर सुर्खियों में आईं थीं
जिंडजीअच्छी वक्ता थीं। उन्होंने कई बार अपने माता-पिता के हक के लिए भाषण दिया था। 1985 में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति पीडब्ल्यू बोथा ने नेल्सन मंडेला के सामने जमानत के लिए शर्त रखी थी। मंडेला से कहा था कि अश्वेतों के हक के लिए किया जा रहा आंदोलन बंद कर दे। उस समय मंडेला ने जेल से एक चिट्ठी भेजकर इसका जवाब दिया था। इस चिट्ठी को सार्वजनिक तौर पर जिंडजी ने ही पढ़ा था। उसके बाद वे सुर्खियों में आ गई थीं।
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