विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि दुनिया इस वक्त महामारी और झूठी खबरों के दो कांटों वाले हमले से जूझ रही है। आज हम बदलाव के मोड़ पर खड़े हैं। महामारी ने दुनिया के इकोनॉमिक सिस्टम को बर्बाद कर दिया, साथ ही 40 हजार लोगों की जान ले ली। इसने हमारे रहने, काम करने, ट्रैवल करने के तरीकों और एक-दूसरे के साथ रिश्तों पर भी असर डाला है।
जयशंकर ने शुक्रवार को एलायंस ऑफ मल्टीलेटरलिज्म की वर्चुअल मिनिस्ट्रियल मीटिंग में ये बातें कहीं। ये अलायंस दुनिया में स्थिरता और शांति के उपायों के लिए एक जैसी सोच रखने वाले देशों का संगठन है।
'फेक न्यूज से आपसी बातचीत में शक बढ़ा'
विदेश मंत्री के मुताबिक यह कहना जल्दबाजी होगी कि कोरोना ने हमारी जिंदगी के तौर-तरीकों को हमेशा के लिए बदल दिया है, दूसरों की मौजूदगी में हमारा कम्फर्टलेवल कम हो गया है। फेक न्यूज, गलत जानकारी और जान-बूझकर फैलाई जाने वाली झूठी खबरों की वजह से आपसी बातचीत में शक बढ़ गया है।
'राजनीति को किनारे कर फैक्ट्स पर फोकस करना चाहिए'
जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि भविष्य में इन दोनों चुनौतियों से निपटने का रास्ता एक जैसा है। साइंटिफिक एप्रोच पर ज्यादा भरोसा करने की जरूरत है। यानी हमें राजनीति को किनारे कर फैक्ट्स पर फोकस करना चाहिए। फिर चाहे कोरोना से निपटने की बात हो या फिर भविष्य में महामारियों से लड़ने की तैयारियों का मुद्दा हो।
उन्होंने कहा कि हमें अपनी पार्टनरशिप में भरोसा बढ़ाने की जरूरत है। भरोसे और सहयोग के चलते लोग, समाज और देश संकट के वक्त साथ खड़े होते हैं। खासकर जब फेक न्यूज और बीमारी की वजह से आइसोलेशन बढ़ रहा हैतो विश्वास बहुत जरूरी है।
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