Wednesday, March 25, 2020

चीनी कंपनी का रोबोट अल्ट्रासाउंड, मुंह की सफाई और मरीज के अंगों की आवाज सुन सकता है, मरीज को छुए बिना जांच होगी March 25, 2020 at 12:00AM

बीजिंग.कोरोना से लड़ाई में चीनी कंपनी के इंजीनियर्स द्वारा बनाया गया रोबोट अहम भूमिका निभा सकता है। इससेडॉक्टर मरीज को छुए बिना जांच कर सकते हैं। रोबोट को दूर सेऑपरेट किया जा सकता हैं। यह रोबोट अल्ट्रासाउंड, मुंह की सफाई और मरीज के आंतरिकअंगों की आवाज सुन सकता है। डॉक्टर इसे लैपटॉप के द्वारा दूसरे रूम से और अन्य शहर से ऑपरेट कर सकते हैं, हालांकि इसकी अभी दो ही यूनिट हैं। रोबोट का डिजाइन लूनर लैंडरसे प्रभावित होकर बनाया किया गया था। इंजीनियर्स ने इसे व्यवसायिक उद्देश्य को ध्यान में रखकर बनाया था। अब यह डॉक्टर्सकी मदद कर रहा है।

अंतरक्षि यान की तरह पहीयों पर चलने वाले रोबोट के पास एक हाथ है। यह कोरोना से संक्रमित मरीज और डॉक्टर के बीच दूरी बनाने में काम आता है। इससे कोरोना का इलाज कर रहे मेडिकल कर्मी खुद संक्रमित होने से बच सकते हैं।

लूनर न्यू ईयर पर आईडिया आया था
तिंगहुआ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और रोबोट के मुख्य डिजाइनर झेंग गंगटी ने कहा, ‘सभी डॉक्टर बहुत बहादुर हैं, लेकिन कोरोनावायरस बहुत संक्रामक है। ऐसी परिस्थिति के लिए हमने रोबोट डिजाइन किया है, जो मेडिकल वर्कर के लिए कोरोना के खतरे को कम करता है।' झेंग ने बताया, उन्हें लूनर न्यू ईयर के बाद इसे बनाने का विचार आया था। तब वुहान में लॉकडाउन की शुरुआत थी।

रोबोट और लूनर रोवर की तकनीक मिलती जुलती है
बीजिंग में रहने वाले प्रोफेसर झेंग कोरोनावायरस से बचाव के लिए कुछ योगदान देना चाहते थे। उन्होंने सुना था कि कोरोनावायरस से बचाव में लगे मेंडिकल कर्मी भी संक्रमित हो रहे हैं। इस समस्या के निदान के लिए ही झेंग और उनकी टीम ने दो मेकेनाइज्ड रोबोटिक को तैयार किया। इसमें इस्तेमाल की गई तकनीक स्पेस लूनर रोवर से मिलती जुलती है।

कोरोनावायरस94 देशों में फैला

दुनिया के 194 देशों में कोरोनावायरस फैल चुका है। इससे 18 हजार 905 लोगों की मौत हो चुकी है। 4 लाख 22 हजार 913 संक्रमित हैं। 1 लाख 9 हजार 143 मरीज ठीक हुए। इस महामारी से बचने के लिए करीब दुनियाभर के 50 से ज्यादा देश लॉकडाउन हैं। 230 करोड़ से ज्यादा लोग घरों में कैद हैं। इनमें से अकेले 130 करोड़ लोग केवल भारत में ही लॉकडाउन है। इससे निपटने में मेडिकल वर्कर 14 दिनों तक नॉन स्टाॅप वर्किंग पर हैं।



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इंजीनियर्स ने इसे व्यवसायिक उद्देश्य को ध्यान में रखकर बनाया था। अब यह डॉक्टर्स की मदद कर रहा है। 

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