Wednesday, February 12, 2020

हाफिज सईद को कैद की सजा होने पर भारत ने नीयत पर शक जताया; अमेरिका ने कहा- आतंकवाद पर उठाया गया कदम महत्वपूर्ण February 12, 2020 at 07:47PM

नई दिल्ली/वॉशिंगटन. पाकिस्तान में लाहौर की एक अदालत ने बुधवार को मुंबई हमले के मुख्य आरोपी और जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद को टेरर फंडिंग के दो मामले में दोषी पाया था। कोर्ट ने दोनों मामलों में साढ़े पांच-साढ़े पांच साल की कैद की सजा सुनाई थी। इस फैसले के बाद जहां भारत ने पाकिस्तान की नीयत पर शक जाहिर की वहीं, अमेरिका ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि लश्कर-ए-तैयबा की जवाबदेही तय करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।

अदालत के इस फैसले पर भारत सरकार के सूत्रों ने बताया, “हमें मीडिया रिपोर्ट्स से जानकारी मिली कि पाकिस्तान की एक अदालत ने यूएन द्वारा अंतरराष्ट्रीय आंतकवादी घोषित किए जा चुके हाफिज सई को टेरर फंडिंग मामले में सजा सुनाई है। आंतकवाद पर लगाम लगाए जाने को लेकर पाकिस्तान द्वारा यह कदम अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद उठाया गया। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान द्वारा यह फैसला फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की बैठक से कुछ दिन पूर्व लिया गया। इस निर्णय के प्रभाव का पता लगना अभी बाकी है। यह भी देखा जाना चाहिए कि क्या पाकिस्तान अपने सभी आतंकवादी संगठनों और आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा? क्या पाकिस्तान मुंबई और पठानकोट समेत सीमा पार आतंकवादी हमलों के अपराधियों को त्वरित न्याय दिलाएगा?”

इमरान ने आतंकके खिलाफ कार्रवाई की बात की थी: एलिस वेल्स

दक्षिण एवं मध्य एशिया मामलों की अमेरिकी प्रतिनिधि एलिस जी. वेल्स ने कहा, “हाफिज और उसके साथियों को दोषी ठहराया जाना, लश्कर-ए-तैयबा की उसके अपराधों के लिए जवाबदेही तय करने और पाकिस्तान की आतंकवादी वित्तपोषण से निपटने की अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।” उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि यह देश के भविष्य के हित में है कि वह अपनी सरजमीं का इस्तेमाल देश विरोधी तत्वों को नहीं करने दें।

हाफिज पर 15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया
वैसे हाफिज को एंटी टेररिज्म कोर्ट (एटीसी) ने कुल 11 साल की सजा सुनाई है, जिनमें लाहौर और गुजरांवाला में दर्ज मामले शामिल हैं। हालांकि, यह सजा साथ-साथ चलेगी। ऐसे में हाफिज को कुल 5 साल 6 महीने जेल में बिताने होंगे। हाफिज पर 15 हजार रु. का जुर्माना भी लगाया है। हाफिज सईद को पिछले साल 17 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। तब से वह लाहौर की कोट लखपत जेल में बंद है।

16 फरवरी से एफएटीएफ की बैठक शुरू होगी
टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की पेरिस में पांच दिवसीय बैठक 16 फरवरी से शुरू हो रही है। इससे पहले, एफएटीएफ ने पिछले साल अक्टूबर को हुई बैठक में फरवरी 2020 तक पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही रखने का फैसला किया था। तब उसने पाकिस्तान को आतंकवाद पर कार्रवाई करने के लिए 27 सूत्रीय कार्ययोजना को लागू करने को कहा था।

टेरर फंडिंग पर एपीजी कर चुका आलोचना

एफएटीएफ से जुड़े एशिया पैसिफिक ग्रुप(एपीजी) ने कहा था कि पाकिस्तान ने यूएनएससीआर 1267 के प्रावधानों को ठीक तरह से लागू नहीं किया। एपीजी ने 228 पेज की रिपोर्ट में कहा था कि पाकिस्तान 40 में से 32 पैरामीटर पर फेल रहा।वह मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज समेत दूसरे आतंकियोंके खिलाफ कार्रवाई करने में नाकाम रहा।पाकिस्तान को आईएसआई, अलकायदा, जमात-उद-दावा, जैश-ए-मोहम्मद समेत दूसरे आतंकीसंगठनों के खिलाफ मनीलॉन्ड्रिंगऔर टेरर फंडिंग के मामले की पहचान कर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए थी, लेकिन वह ऐसा करने में नाकाम रहा।



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हाफिज सईद को पिछले साल 17 जुलाई से लाहौर की कोट लखपत जेल में बंद है।- फाइल

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