Friday, February 28, 2020

135 साल पुराना है 455 लाख करोड़ मार्केट कैप वाला अमेरिका का डाउ जोन्स, 10 मौके जब मंदी ने इसकी सेहत बिगाड़ी February 28, 2020 at 12:30AM

बिजनेस डेस्क. अमेरिकी अर्थव्यवस्था और दुनिया के बाजारों की सेहत बताने वाला 135 साल पुराना डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज इंडेक्स कारोनावायरस के डर के चलते शुक्रवार को 1190 अंक गिर कर 25,766 के स्तर पर बंद हुआ। इसके कारण भारतीय मार्केट भी करीब 1200 अंक गिर गए हैं। इसे एतिहासिक गिरावट बताया जा रहा है। इस गिरावट के महत्व को थोड़ा पीछे जाकर समझें तो पता चलता है कि दुनियाभर के बाजार अमेरिका के डाउ जोन्स की ओर देखते हैं और इसमें हुई गिरावट से भारत समेत लगभग हर देश का मार्केट प्रभावित होता है।


डाउ जोन्स की स्थापना
भारत के सेंसेक्स की तरह 30 कंपिनयों से मिलकर बना है। इसकी स्थापना 16 फरवरी 1885 को हुई थी। यह यूएस मार्केट का दूसरा सबसे पुराना इंडेक्स है और इसके संस्थापक द वॉल स्ट्रीट जर्नल के एडिटर और डाउ जोन्स कंपनी के को-फाउंडर चार्ल्स डाउ थे। इंडेक्स का ‘जोन्स शब्द” एडवर्ड जोन्स के नाम से लिया गया है जो चार्ल्स डाउ के कारोबारी सहयोगी थे।


डाउ जोन्स की कंपनियां
यह न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (नैस्डेक) से संबंधित है और स्टैंडर्ड एंड पुअर (S&P) डाउ जोन्स इंडाइसेज इसे संचालित करती है। यह मूल रूप से 30 लार्ज कैप कंपनियों से मिलकर बना है जिनका मार्केट कैप करीब 6.5 ट्रिलियन डॉलर (455 लाख करोड़ रुपए) है। ये 30 कंपनियां - एपल, बोइंग, 3एम, अमेरिकन एक्सप्रेस, कैटरपिलर, नाइकी, माइक्रोसॉफ्ट, शेवरॉन, सीस्को, कोका-कोला, डिजनी, डॉवजू पॉन्ट, एक्सन मोबिल, जनरल इलेक्ट्रिक, गोल्डमैन, होम डिपो, आइबीएम, इंटेल, जॉनसन एंड जॉनसन, जेपी मॉर्गन चेज, मैकडॉन्लड, मर्क, पीफाइजर, प्रॉक्टर एंड गैंबल, ट्रैवलर कंपनीज, यूनाइटेड टेक्नोलॉजी, यूनाइटेड हेल्थ, वराइजोन, वीजा और वॉलमार्ट हैं।


135 साल के इतिहास में जब भी डाउ जोन्स में ऐतिहासिक गिरावट हुई तो उसके कारण दुनियाभर के बाजार भी औंधे मुंह गिरे। गिरावट के कारणों में ज्यादातर मंदी, युद्ध, व्यापार और राजनीतिक उथल-पुथल के साथ सार्स और कोरोनावायरस संक्रमण जैसी बीमारियां रही हैं।



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Dow Jones of America with a market cap of 455 lakh crores is 135 years old, 10 times when recession ruined its health

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